Pankaj Udhas Death: सिंगर पंकज उधास का 72 की उम्र में निधन जानिए मौत का कारण

kajal bajaj
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Pankaj Udhas Death: सिंगर पंकज उधास का 72 की उम्र में निधन जानिए मौत का कारण

बॉलीवुड के जाने-माने दिग्गज सिंगर पंकज उधास का निधन हो गया। उन्होंने 72 की उम्र में अंतिम सांस ली। इसकी जानकारी बेटी नायाब उधास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी। बताया कि 26 फरवरी को लंबे समय से बीमार होने के कारण उनका देहांत हो गया।

पंकज उधास के मृत्यु की खबर 26 फरवरी की सुबह तकरीबन 11:00 के Breach Candy Hospital में हुआ था। यह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। कई दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। और काफी ज्यादा अपने जीवन को लेकर संघर्ष कर रहे थे। सिंगर के निधन के बाद पूरे म्यूजिक जगत में मातम छाया हुआ है। हर कोई सोशल मीडिया पर आंखों में सिंगर की आखिरी श्रद्धांजलि देता हुआ नजर आ रहा है।

पंकज की म्यूजिकल करियर की शुरूआत उनके बचपन में ही 6 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने की थी।उनके अपने घर में ही संगीत का माहौल रहा करता था। ऐसे में वह संगीत की दुनिया में हमेशा लीन रहते थे। उन्होंने अपने जीवन में पहला एक्सपोजर अपने स्कूल में प्रार्थना करते हुए शुरुआत की थी। उनकी जर्नी की शुरूआत उनके स्कूल के माध्यम उनके प्रेयर से ही हुई थी। उन्होंने अपने संगीत का पहला एक्सपोजर अपने स्कूल के प्रार्थना को ही शुरू किया हुआ था।

पंकज उधास ने इन गजलों को दी आवाज

पंकज उधास ने गजल गाकर खूब नाम और शोहरत कमाई। उनकी सबसे मशहूर गजलों में ‘चिट्ठी आई है’ शामिल है। यह गजल 1986 में रिलीज हुई फिल्म ‘नाम’ से थी। इसके अलावा उन्होंने ‘चांदी जैसा रंग है तेरा‘, ‘ना कजरे की धार, न मोतियों की हार’, ‘घूंघट को मत खोल’, ‘थोड़ी थोड़ी पिया करो’, ‘चुपके चुपके सखियों से वो बातें करना भूल गई’, ‘और आहिस्ता कीजिए बातें’, ‘निकलो न बेनकाब’, ‘दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है’, ‘एक तरफ उसका घर’ जैसी कुछ अन्य बेहतरीन गजलें गाकर नाम कमाया था। ये सभी गजलें उनकी यादगार गजलों में से एक हैं।

इन अवॉर्ड्स से नवाजे गए पंकज उधास

सिंगिंग में अपना लोहा मनवाने वाले पंकज उधास को उनके योगदान के लिए कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया था। इनमें सबसे अहम पद्मश्री है, जो उन्हें 2006 में प्रदान किया गया था।

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंकज उधास के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “हम पंकज उधास जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं, जिनकी गायकी कई तरह की भावनाओं को व्यक्त करती थी और जिनकी ग़ज़लें सीधे आत्मा को छूती थीं. वो भारतीय संगीत के एक प्रकाश स्तंभ थे, जिनकी धुनें पीढ़ियों से चली आ रही थीं. मुझे पिछले कुछ वर्षों में उनके साथ हुई अपनी विभिन्न बातचीतें याद हैं. उनके जाने से संगीत जगत में एक खालीपन आ गया है, जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. शांति.”

वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “पंकज उधास जी ने अपनी मधुर आवाज से कई पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध किया. उनकी ग़ज़लों और गीतों ने हर उम्र और वर्ग के लोगों के दिलों को छुआ. आज उनके चले जाने से संगीत की दुनिया में एक बड़ी रिक्तता आई है, जिसे लम्बे समय तक भर पाना मुश्किल है. वे अपने गीतों और ग़ज़लों के माध्यम से सदैव हमारे बीच रहेंगे. मैं शोकाकुल परिजनों और उनके प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूँ. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति

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