lauki ke fayde (Benefits of bottle gourd)
आमतौर पर लोग लौकी खाने से बचते हैं. कुछ को इसका स्वाद पसंद नहीं होता है तो कुछ को ये पता ही नहीं होता है कि ये कितनी फायदे की चीज है.
कई जगहों पर लौकी को घीया के नाम से भी जाना जाता है.
लौकी की सबसे अच्छी बात ये है कि ये बेहद आसानी से मिल जाती है. इसके अलावा लौकी में कई ऐसे गुण होते हैं जो कुछ गंभीर बीमारियों में औषधि की तरह काम करते हैं.
लौकी खाने के फायदे (Benefits of bottle gourd) –
- ताज़गी – लौकी को हल्की सब्जियों में गिना जाता है। इसे खाने से पेट में भारीपन नहीं रहता, बल्कि यह शरीर में ताजगी बनाए रखने में सहायक है।
- प्रतिदिन तरोताजा बने रहने के लिए, नमक या मसाले डालकर लौकी का जूस पीना कारगर उपाय है.
- वजन कम – लौकी का सबसे बड़ा फायदा है, कि यह आपका वजन बहुत जल्दी कम करने में सहायक होती है। इसलिए इसे उबालकर नमक के साथ खाया जाता है, या फिर इसका जूस पिया जाता है.
- पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए – अगर आपको पाचन क्रिया से जुड़ी कोई समस्या है तो लौकी का जूस आपके लिए बेहतरीन उपाय है. लौकी का जूस काफी हल्का होता है और इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो कब्ज और गैस की समस्या में राहत देने का काम करते हैं.
- नेचुरल ग्लो के लिए – लौकी में नेचुरल वॉटर होता है. ऐसे में इसके नियमित इस्तेमाल से प्राकृतिक रूप से चेहरे की रंगत निखरती है. आप चाहें तो इसके जूस का सेवन कर सकते हैं या फिर उसकी कुछ मात्रा हथेली में लेकर चेहरे पर मसाज कर सकते हैं.
- पोषक तत्वों से भरपूर – लौकी में भरपूर मात्रा में डायट्री फायबर, विटामिन- ए, विटामिन -सी, थायमिन, राइबोफ्लेविन, विटामिन- बी3, बी6, मिनरल्स, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम और जिंक पाया जाता है, जो आपको स्वस्थ बनाए रखता है.
(Benefits of bottle gourd) मधुमेह रोगियों के लिए
लौकी का जूस मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करती है. मीठी लौकी फल रस को पीने से मधुमेह में लाभ होता है.
10-20 मिली कड़वी लौकी के स्वरस में 1 बड़ा चम्मच आँवला का रस मिलाकर,
प्रतिदिन एक बार कुछ महीनों तक सेवन करने से यह अग्न्याशय के आइलेट सेल्स ऑफ लैंगरहैन्स को स्वाभाविक इन्सुलिन स्रवित करने में मदद करता है.
इस तरह यह मधुमेह के रोगी की रक्त शर्करा को कम करता है तथा मधुमेह-जन्य नर्व में सूजन, रक्त की कमी, सामान्य दुर्बलता आदि कष्टों को कम करता है.
(Benefits of bottle gourd) पीलिया के उपचार में
अगर आपको पीलिया हुआ है और आप इसके लक्षणों से परेशान हैं तो लौकी का सेवन इस तरह से कर सकते हैं। लोकी का रस लीवर के सुजन के लिए भी फायेदेबंद है.
कड़वी तुम्बी स्वरस (1-2 बूंद) का नाक से लेने से कामला में लाभ होता है. 10-20 मिली कड़वी तुम्बी पत्ते के काढ़े में शर्करा मिलाकर पीने से कामला में लाभ होता है.
लौकी खाने के नुकसान (Side Effects of Lauki) –
कड़वी लौकी के संस्कारित फल, पत्ता तथा फूलों को समुद्री क्षेत्रों के लोग खाने के रुप में प्रयोग करते हैं, किन्तु कच्चे फल का प्रयोग सम्भवत: विषाक्त हो सकता है.
खरगोश को कड़वी लौकी की फल मज्जा का सेवन कराने पर उनमें बेचैनी, सांस कष्ट, पक्षाघात या लकवा तथा सांस के रूक जाने से मृत्यु जैसे लक्षण दृष्टिगत होते हैं.