Ear Pain कान में दर्द और कान में संक्रमण के लिए आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार

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कान में दर्द और कान में संक्रमण के लिए आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार

आमतौर पर हम कान के दर्द  Ear Pain या संक्रमण से पीड़ित नहीं होते, पर जब यह दर्द होता है तो इतनी पीड़ा होती है कि आप सब कुछ भूल जाते हैं। कानों का संक्रमण वयस्कों के मुकाबले बच्चों में ज़्यादा सामान्य है एवं कान के दर्द के कई कारण हो सकते हैं। वैसे तो कानों में संक्रमण कान के दर्द का सबसे प्रमुख कारण है, पर कैविटी (cavity) की वजह से भी कान में दर्द हो सकता है। अतः यह काफी ज़रूरी है कि जब आपके कान में दर्द हो तो आपको इसके असल कारण का पता हो।

Ear Pain

अगर कान का दर्द Ear Pain संक्रमण की वजह से हुआ है तो इसका उपचार तुरंत करवाना काफी आवश्यक है। कान के विभिन्न भाग होते हैं एवं कान के बिल्ककुल अंदर हुआ संक्रमण सबसे ज़्यादा खतरनाक होता है। हालांकि कानों के अंदर का संक्रमण ज़्यादा सामान्य नहीं है। अतः अगर आपके कानों में अचानक से दर्द आरम्भ हो जाए तो संभावित रूप से यह कानों के बीच में हुआ संक्रमण होगा, जो बिना किसी एंटीबायोटिक (antibiotic) के भी ठीक हो सकता है।

अगर आप कानों में दर्द Ear Pain का सामना कर रहे हैं तो कुछ प्रभावी घरेलू नुस्खों का प्रयोग करें। इससे आपके कानों का दर्द 2 से 3 दिनों में काफी कम हो जाएगा। अगर 2 से 3 दिनों तक घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करने के बाद भी कान का दर्द बढ़ता रहता है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करें।

कान दर्द के कारण – कान में संक्रमण क्यों हो जाता है? (Why does the Ear Pain or ear infections occur?)

कान में संक्रमण की समस्या मध्य कान में बैक्टीरिया या वायरस के गठन की वजह से होते हैं। यह समस्या वयस्कों की तुलना में बच्चों में ज्यादा होता है क्योंकि उनकी त्वचा अधिक संवेदनशील होती है। कान में संक्रमण के लिए कुछ कारण हैं खूंट / वैक्स का बनना , फेटल एल्कोहल सिंड्रोम , खाद्य एलर्जी , पर्यावरण एलर्जी , आंतरिक एलर्जी आदि।

Ear Pain

अगर आपको कान में दर्द (Ear Pain) , सिर दर्द , उल्टी , सुनने में समस्या , उच्च बुखार और दस्त हो रही है तो आप कान के संक्रमण से पीड़ित है। कान में संक्रमण की समस्या को कुछ सरल घरेलू उपचार से हटा सकते हैं आप निम्न का प्रयोग कर सकते हैं:

कान में दर्द के सामान्य कारण (Common causes of Ear Pain)

कान में दर्द Ear Pain होने का एक प्रमुख कारण युस्टेशियन ट्यूब (Eustachian tube) में गन्दगी का जम जाना है। इससे अंदर के द्रव्य बाहर नहीं निकल पाते और आपको दर्द एवं सूजन का शिकार होना पड़ता है। कान में वायरस या बैक्टीरिया (virus or bacteria) के संक्रमण की वजह से भी दर्द हो सकता है। ज़्यादातर बैक्टीरिया और वायरस हवा के माध्यम से आपके कानों में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे संक्रमण होता है। आपके गंदे हाथों और रुई के गंदे कपड़ों की वजह से भी बैक्टीरिया आपके कानों में प्रवेश कर सकते हैं।

अतः अपने कान में कुछ भी डालने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह साफ़ हो। कानों में पानी जाने से भी संक्रमण हो जाता है, क्योंकि यह कानों के मोम को प्रभावित कर देता है। अगर आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है तो कान का संक्रमण एक या दो दिनों में ठीक भी हो जाता है। अतः दर्द को कम करने के उपाय भी काफी प्रभावी साबित होते हैं। नीचे कान के संक्रमण और दर्द को कम करने के लिए कुछ घरेलू विधियां बतायी गयी हैं।

कान के दर्द को दूर करने के लिए नमक की गर्म सेंक (Hot rock salt compress for reducing Ear Pain)

कान के दर्द Ear Pain को दूर करने के लिए नमक की गर्म सेंक काफी कारगर साबित होती है। यह एक आसान एवं प्राचीन नुस्खा है और अगर आपके कान में डॉक्टर को दिखाने लायक कोई गंभीर संक्रमण ना हुआ हो तो यह हमेशा काम करता है। एक साफ सूती के कपड़े में नमक डालकर लपेटें और इसे एक कढ़ाही में गर्म करें।

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अब इस कपड़े से कान के नीचे की तरफ सिंकाई करें। इस तरह 10 मिनट तक या फिर दर्द कम होने तक सिंकाई करते रहें। ध्यान रखें कि सिंकाई के लिए कपड़े का तापमान सहनीय होना चाहिए। इस उपचार को दिन में कई बार दोहराया भी जा सकता है।

कान का दर्द दूर करने के लिए गर्म सरसों का तेल (Warm mustard oil for treating Ear Pain)

सरसों के तेल में एंटीबैक्टीरियल (antibacterial) गुण होते हैं और गर्म सरसों के तेल का कान के दर्द को ठीक करने के लिए सदियों से प्रयोग किया जाता रहा है। लोहे के एक बर्तन में सरसों के तेल को गर्म करें और इसे एक छोटे पात्र में डाल लें। इस बात को सुनिश्चित करें कि तेल का तापमान सामान्य हो और फिर अपने कानों में इस तेल की 2 से 3 बूँदें डालें।

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ध्यान रखें कि यह प्रक्रिया जल्दी ना करें। गर्म तेल दर्द को कम करता है एवं मोम को भी ढीला करता है, जो आप आसानी से रुई के टुकड़े से निकाल सकते हैं। अच्छे परिणामों के लिए इस प्रक्रिया का प्रयोग 2 से 3 दिनों के लिए दिन में 2 बार करें।

कान का दर्द Ear Pain – चाय के पेड़ का तेल (Tea tree oil se kaan me dard ka ilaj)

टी ट्री ऑइल में एंटी बैक्टीरियल एवं एंटी माइक्रोबियल (antibacterial and antimicrobial) गुण होते हैं। अतः अगर आपके कान में दर्द संक्रमण की वजह से हुआ है तो यह इसका काफी प्रभावी उपचार साबित हो सकता है। 5 से 8 जैतून के तेल की बूंदों के साथ टी ट्री ऑइल की 2 से 3 बूँदें मिश्रित करें। इन दोनों को अच्छे से मिलाएं और इस मिश्रण में रुई का कपड़ा डुबोकर अपने कानों के बीच के भाग में इसका हलके हाथों से प्रयोग करें। रुई के कपड़े से ज़्यादा जोर ना डालें क्योंकि इससे आपके कानों को नुकसान पहुँच सकता है। आप 2 दिनों तक रोज़ाना एक बार इस विधि का प्रयोग कर सकते हैं। अगर इससे दर्द कम नहीं होता तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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चाय के पेड़ का तेल जीवाणुरोधी गुणों से युक्त है और इसका नियमित प्रयोग अच्छे परिणाम देगा। , चाय के पेड़ के तेल की तीन बूँदें , दो चम्मच जैतून का तेल , एक चम्मच कोलाइडयन चांदी , एक चम्मच सेब आसव का सिरका लेकर उन सबका मिश्रण बनायें और हल्का गर्म करें। दर्द और संक्रमण से जल्द आराम पाने के लिये अब इसे अपने कानों में डालें। कान की समस्याओं के लिये दो दिनों तक दो से तीन बार अपने कान में डालें।

कान दर्द Ear Pain – लहसुन (Garlic se kaan dard ka ilaaj)

लहसुन का तेल भी कान के दर्द Ear Pain को दूर करने की काफी प्रभावी विधि साबित होती है। अगर कान में ज़्यादा मोम जम जाने की वजह से या संक्रमण होने की वजह से दर्द पैदा हुआ है तो इन दोनों ही स्थितियों में यह विधि काफी प्रभावी साबित होगी। आप घर पर ही लहसुन के दो पिसे फाहों को 1 चम्मच जैतून के तेल के साथ उबालकर लहसुन के तेल का निर्माण कर सकते हैं। अंत में लहसुन के बचे हुए फाहों को निचोड़ लें तथा एक बार इस तेल का तापमान सामान्य होने पर इसकी 2 से 3 बूँदें अपने कानों में डालें।

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लहसुन के रोगाणुरोधी और दर्द निवारक गुणों की सहायता से यह आपके कानों की समस्या को हटाने में सहायता करता है। लहसुन के कुछ लौंगों को लें और पानी के साथ इसे उबालें , इसमें कुछ नमक भी मिलायें , इसे मिलाकर लेप को प्राप्त करें। एक कपड़े पर इस लेप को लें और प्रभावित क्षेत्र के पास समस्या का अंत करने के लिये रखें।

कान के दर्द के लिए तुलसी की पत्ती का अंश (Basil leaf extract for Ear Pain)

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तुलसी के पत्ते के अंश से भी आपके कान का दर्द काफी असरदार रूप से ठीक हो सकता है। तुलसी के पत्तों के अंश को प्रयोग में लाने के लिए तुलसी की ताज़ा पत्तियां इकठ्ठा करें एवं इन्हें पीसकर इनका अंश निकाल लें। अब एक ताज़ा इयरबड (ear bud) लें और इसे पत्तियों के अंश में डुबोकर रखें। इसकी मदद से कानों के अंदरूनी भागों को साफ करें। ध्यान रखें कि इसे कानों में ज़्यादा गहरे तक ना ले जाएं। इससे आपके कानों के परदे को नुकसान पहुँच सकता है।

कान का दर्द Ear Pain – नमक (Salt)

आइये एक बहुत ही आसान सलाह कान संक्रमण समस्याओं के लिये देखें , एक कप नमक लें और इसे पांच मिनट तक गर्म करें , इसे एक मोटे कपड़े पर डालें और खुले हिस्से को रबड़ बैंड से कसकर बांध दें। इसे बैठ जानें दें और कान के पास के क्षेत्र पर रखें। यह आपको तत्काल आराम पहुंचायेगा और दिन प्रतिदिन अधिक लाभ के लिये दोहरा सकते हैं। नमक के बजाय चावल भी यही परिणाम देगा , इसलिये इसका भी प्रयोग किया जा सकता है।

कान दर्द Ear Pain – प्याज (Onion)

कई सारे व्यंजनों की सामान्य सामग्री प्याज है , यह न केवल भोजन के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि कान के संक्रमण के सम्बंध में लाभ पहुंचाता है। एक प्याज को लेकर काट लें और कुछ समय के लिये उबालें , इसके ठण्डा हो जाने के बाद प्याज से जूस को निकाल लें , दो से तीन बूंदें संक्रमित कान में इलाज के लिये डालें।

कान दर्द Ear Pain का घरेलू उपाय – सेब आसव का सिरका (Apple Cider Vinegar hai kaan dard ka gharelu ilaj)

कान में संक्रमण का कारण ऊपर बताये गये कारणों में से किसी एक कारण से कान में फंगस होने है। फंगस को घर पर बने उपाय के साथ धो कर बाहर निकाला जा सकता है। कुछ मात्रा में सेब आसव का सिरका लें और उसमें पानी को मिला दें जो समान मात्रा में हो , उसमें रूई की एक पट्टी को डुबा दें और कान में लगा लें और उल्टी तरफ लेट जाये जिससे मिश्रण कान में धीरे धीरे चला जाय।

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