Hemoglobin deficiency हीमोग्लोबिन बढ़ाने के आसान घरेलू उपाय

mohit sharma
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Hemoglobin deficiency हीमोग्लोबिन बढ़ाने के आसान घरेलू उपाय

हीमोग्लोबिन (Hemoglobin deficiency ) की कमी एक आम समस्या है, जो बिटामिन और मिनरल्स की कमी के कारण होती है |

Contents
Hemoglobin deficiency हीमोग्लोबिन बढ़ाने के आसान घरेलू उपायहीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए – Normal level of Hemoglobin in Hindiहीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण – Hemoglobin deficiency Symptoms in Hindiडॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?हीमोग्लोबिन की कमी के कारण – Hemoglobin deficiency Causes & Risk in Hindiकिसी रोग या अन्य स्थिति से जुड़ी हीमोग्लोबिन की कमी:हीमोग्लोबिन की कमी का खतरा कब बढ़ जाता है?When, therefore, does the risk of hemoglobin deficiency increase?रक्तविहीनता से बचाव – Prevention of Deficiency of Hemoglobin in Hindiहीमोग्लोबिन की कमी का परीक्षण – Diagnosis of Hemoglobin deficiency in Hindiहीमोग्लोबिन की कमी का इलाज – Hemoglobin deficiency Treatment in Hindiरक्तहीनता से होने वाले रोग – Disease caused by Hemoglobin deficiency in Hindiहीमोग्लोबिन की कमी में क्या खाना चाहिए? – What to eat during Hemoglobin deficiency in Hindi?आयरन युक्त भोजन खाना –विटामिन सी की खपत बढ़ाना – Increasing vitamin C intake is important for several reasons.फोलिक एसिड लेना -Taking folic acid, therefore, is essential for maintaining overall health.चुकंदर –सेब –अनार –हीमोग्लोबिन बढ़ाने के आसान घरेलू उपाय FAQनिष्कर्ष

कभी कभी संतुलित आहार न लेने की बजह से भी हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है ,जिसके कारण कुपोषण भी हो सकता है |

यह स्थिति गर्भवती महिलाओं और बच्चों में और भी खराब हो जाती है।

हीमोग्लोबिन कम होने से रक्त में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इससे चक्कर आना, सांस फूलना और शरीर में ऊर्जा की कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हीमोग्लोबिन की कमी से त्वचा पीली हो सकती है।

इस समस्या का पता खून की जाँच और कुछ लक्षणों के आधार पर किया जाता है |

एनीमिया का इलाज उसकी वजहों पर निर्भर करता है।

कई बार आयरन या विटामिन की खुराक से यह समस्या हल हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में जटिल इलाज की जरूरत होती है।

हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए – Normal level of Hemoglobin in Hindi

शरीर में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर कितना होता है?

हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर व्यक्ति के लिंग और उम्र के अनुसार भिन्न होता है।:

  • जन्म के दौरान – 13.5 से 24.0 g/dl
  • जन्म लेने के बाद एक 1 महीने तक – 10.0 से 20.0 g/dl
  • 1 से 2 महीने – 10.0 to 18.0 g/dl
  • 2 से 6 महीने – 9.5 to 14.0 g/dl
  • 6 महीने से 2 साल – 10.5 to 13.5 g/dl
  • 2 से 6 साल – 11.5 to 13.5 g/dl
  • 6 से 12 साल – 11.5 to 15.5 g/dl
  • महिलाएं – उम्र 12 से 18 साल – 12.0 से 16.0 g/dl, उम्र 18 साल से ज्यादा – 12.1 से 15.1 g/dl
  • पुरुष – उम्र 12 ले 18 साल – 13.0 to 16.0 g/dl, उम्र 18 साल से ज्यादा – 13.6 to 17.7 g/dl

हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण – Hemoglobin deficiency Symptoms in Hindi

hemoglobin हीमोग्लोबिन में कमी होने पर कैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं?

हीमोग्लोबिन में कमी के लक्षण:

  • थकान और कमजोरी
  • चिड़चिड़ापन
  • चक्कर आना
  • सिरदर्द
  • ध्यान लगाने में कमी
  • सांस फूलना
  • घबराहट (दिल की धड़कनें तेज व अनियमित होना)
  • एक्सरसाइज ना कर पाना
  • हाथ व पैर ठंडे पड़ना (शरीर के मूल तापमान को बनाए रखने की क्षमता बिगड़ना)

यह महसूस करना और समझ पाना इतना आसान नहीं होता कि आप एनीमिया से पीड़ित हैं।

हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने पर लोग अपने लक्षणों की आदत डाल लेते हैं और इन्हें सामान्य मानने लगते हैं।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

  • अत्यधिक थकान और तंद्रा
  • मानसिक कार्यों का बिगड़ना
  • त्वचा में हल्के नीले धब्बे पड़ना
  • बार-बार संक्रमण होना
  • बाल झड़ना

हीमोग्लोबिन की कमी के कारण – Hemoglobin deficiency Causes & Risk in Hindi

हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) में कमी किस कारण से हो सकती है?

सामान्य रूप से हीमोग्लोबिन में कमी:

हीमोग्लोबिन में मामूली कमी हमेशा बीमारी का संकेत नहीं होती, बल्कि यह कुछ लोगों के लिए सामान्य स्थिति हो सकती है, खासकर गर्भवती महिलाओं में।

किसी रोग या अन्य स्थिति से जुड़ी हीमोग्लोबिन की कमी:

शरीर में हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) की कमी किसी ऐसे रोग या स्थिति के कारण हो सकती है जो आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी पैदा कर देते हैं। निम्न स्थितियों के कारण भी यह समस्या हो सकती है:

  • यदि आपका शरीर सामान्य से कम लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण कर रहा हो|
  • आपका शरीर लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने की गति से अधिक तेजी से उन कोशिकाओं को नष्ट कर रहा हो।
  • यदि आपके शरीर में खून की कमी है।

जब आपका शरीर लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण सामान्य से कम मात्रा में करने लगता है तो आपके शरीर में कई रोग व अन्य स्थितियाँ विकसित हो सकती हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:

  • कैंसर (Cancer)
  • कुछ निश्चित प्रकार की दवाएँ जैसे एचआईवी/एड्स के लिए एंटी-रेट्रोवायरल दवाएँ (Anti-retroviral drugs for HIV/AIDS) और कैंसर व अन्य स्थितियों के लिए कीमोथेरेपी दवाएँ (Chemotherapy drugs)
  • दीर्घकालिक किडनी रोग (Chronic kidney disease)
  • सिरोसिस (लिवर में स्कार बनना) (Cirrhosis – Scarring of the liver)
  • हॉजकिन्स लिंफोमा (हॉजकिन्स रोग) (Hodgkin’s lymphoma – Hodgkin’s disease)
  • हाइपोथायरायडिज्म (अंडरएक्टिव थायरॉयड) (Hypothyroidism – Underactive thyroid)
  • आयरन की कमी (Iron deficiency)
  • सीसा विषाक्तता (Lead poisoning)
  • ल्यूकेमिया (Leukemia)
  • मल्टीपल मायलोमा (Multiple myeloma)
  • मायलोप्लास्टिक सिंड्रोम (Myelodysplastic syndrome)
  • नॉन-हॉजकिन्स लिंफोमा (Non-Hodgkin’s lymphoma)
  • विटामिन की कमी (Vitamin deficiency)

हीमोग्लोबिन की कमी का खतरा कब बढ़ जाता है?When, therefore, does the risk of hemoglobin deficiency increase?

कुछ आयु वर्गों में हीमोग्लोबिन की कमी के जोखिम खासे बढ़ सकते हैं:

  • 6 से 12 महीनों के बीच के शिशु
  • 1 से 2 साल तक के बच्चें
  • किशोर – क्योंकि शारीरिक वृद्धि के दौरान उनकी आयरन की आवश्यकता बढ़ जाती है।
  • वृद्ध लोग – खासकर जिनकी उम्र 65 से ऊपर हो गई है।

जीवनशैली की कुछ आदतें भी आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी का कारण बन सकती हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • बार-बार खून दान करना, जो लोग बार-बार खून दान करते हैं वे भी इस समस्या से पीड़ित हो सकते हैं।
  • एथलीट और सहनशक्ति वाली गतिविधियां करने वाले लोगों में भी यह समस्या हो सकती है|

कुछ स्थितियों में महिलाओं में भी हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) की कमी के उच्च जोखिम हो सकते हैं, इन स्थितियों में निम्न शामिल हो सकती हैं:

  • मासिक धर्म के दौरान, खासकर जब मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक खून बह रहा हो|
  • गर्भावस्था के दौरान, प्रसव के बाद या जब आप स्तनपान करवाती हैं, उस समय यदि आप बताई गई दैनिक मात्रा से कम मात्रा में आयरन का सेवन करती हैं।
  • पर्यावरण या पानी आदि के कारण जिन बच्चों के खून में लेड पाया जाता है। लेड, हीमोग्लोबिन बनाने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है।
  • ब्लीडिंग डिसऑर्डर जो खून के थक्के बनने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करता है। इससे बहते खून को रोकना मुश्किल हो जाता है और आघात, सर्जरी व गंभीर मासिक धर्म आदि से हीमोग्लोबिन की कमी होने के जोखिम बढ़ जाते हैं।

रक्तविहीनता से बचाव – Prevention of Deficiency of Hemoglobin in Hindi

रक्तहीनता (Hemoglobin) में कमी से कैसे बचें?

  • आयरन से भरपूर स्वस्थ और संतुलित भोजन खाएं।
  • चाय और कॉफी की खपत कम करें क्योंकि इनके कारण शरीर की आयरन अवशोषित करने की क्षमता प्रभावित होती है।
  • विटामिन सी का सेवन बढ़ाएं क्योंकि यह आयरन को अवशोषित करने में मदद कर सकता है।
  • अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी12 और विटामिन बी9 का सेवन करें।

हीमोग्लोबिन की कमी का परीक्षण – Diagnosis of Hemoglobin deficiency in Hindi

हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) में कमी का परीक्षण कैसे किया जा सकता है?

एनीमिया या हीमोग्लोबिन में कमी की स्थिति की जांच करने के लिए डॉक्टर आपसे आपकी पिछली मेडिकल स्थिति के बारे में पूछेंगे, शारीरिक परीक्षण करेंगे और खून टेस्ट करवाने का ऑर्डर देंगे।

आप अपने लक्षणों, पारिवारिक मेडिकल जानकारी, आहार, शराब का सेवन, दवाएं जो आप लेते हैं और अन्य सवालों के बारे में विस्तृत उत्तर देकर डॉक्टर की मदद कर सकते हैं।

डॉक्टर आप में हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाले लक्षणों और अन्य शारीरिक संकेतों की जांच करेंगे जो हीमोग्लोबिन की कमी के कारण होते हैं।

आमतौर पर हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) की कमी से तीन मुख्य कारण होते हैं:

  • खून की कमी
  • लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में कमी या अन्य खराबी
  • लाल रक्त कोशिकाएं नष्ट होना

खून टेस्ट सिर्फ हीमोग्लोबिन की कमी की ही पुष्टि नहीं करता बल्कि साथ ही साथ इसके अंदरूनी कारणों का पता लगाने में भी मदद करता है। इसके परीक्षण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टेस्टों में निम्न भी शामिल हो सकते है:

  • कम्पलीट ब्लड काउंट
  • खून में आयरन का स्तर
  • विटामिन बी9 और बी12 का स्तर
  • विशेष ब्लड टेस्ट

हीमोग्लोबिन की कमी का इलाज – Hemoglobin deficiency Treatment in Hindi

हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) की कमी का उपचार हीमोग्लोबिन में कमी पैदा करने वाले कारणों के ही आधार पर किया जाता है।

  • यदि आपके शरीर में एकत्रित विटामिन बी12 समाप्त हो गया है तो आपको डॉक्टर आमतौर पर विटामिन बी12 का इंजेक्शन लिखते हैं।
  • विटामिन बी 12 को मुंह के द्वारा भी लिया जा सकता है लेकिन इसमें काफी उच्च खुराक की आवश्यकता पड़ती है। जिन लोगों में विटामिन बी12 की कमी होने के जोखिम है वे इसके सप्लीमेंट्स मुंह द्वारा या टीके द्वारा ले सकते हैं।
  • जिन लोगों विटामिन बी12 की गंभीर रूप से कमी हो गई है तो उनको अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है वहां पर उनको नसों के द्वारा पोषक तत्व प्रदान किए जाते हैं।
  • जिन लोगों में हीमोग्लोबिन की कमी है उनको महीने में एक बार विटामिन का इंजेक्शन लगवाने की जरूरत होती है या फिर वे एक नोज स्प्रे, जीभ के नीचे रखने की टेबलेट या निगल ली जाने वाली टेबलेट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • hemoglobinजिन लोगों में फोलेट की कमी होती है उनको फोलेट की टेबलेट लेनी पड़ती हैं।
  • जिन लोगों में आयरन की कमी होती है उनके लिए डॉक्टर अक्सर ऐसे आयरन के सप्लीमेंट्स लिखते हैं जो आसानी से अवशोषित हो जाते हैं।
  • यदि पोषक तत्वों को अवशोषित करने में अक्षमता के कारण ही पोषक तत्वों की कमी हुई है तो इस स्थिति का इलाज जीवन भर चल सकता है।
  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन और फोलिक एसिड के सप्लीमेंट्स लेने की आवश्यकता पड़ सकती है। इन सप्लीमेंट्स का उपयोग करने के बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

रक्तहीनता से होने वाले रोग – Disease caused by Hemoglobin deficiency in Hindi

अगर हीमोग्लोबिन का परीक्षण और उपचार ना किया जाए तो इस स्थिति के कारण निम्न रोग व समस्याएं पैदा हो सकती हैं:

  • डिप्रेशन
  • हृदय संबंधी समस्याएं, यदि आपके शरीर में हीमोग्लोबिन वाली लाल रक्त कोशिकाएं पर्याप्त मात्रा में नहीं है तो आपके हृदय को ऑक्सीजन युक्त खून को पूरे शरीर तक पहुंचाने में बहुत कठिनाई होती है।
  • ऊतकों में कोशिकाओं को ठीक से काम करने के लिए खून की एक स्थिर सप्लाई की आवश्यकता पड़ती है।
  • आमतौर पर लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन ले जाता है और इसे शरीर के सभी ऊतकों तक पहुंचाता है।
  • जब आपके हृदय को अपना काम करने में कठिनाई होती है तो इससे कुछ प्रकार की स्थितियां विकसित हो जाती हैं जैसे अनियमित दिल की धड़कन, हृदय का आकार बढ़ना या यहां तक की हार्ट फेल भी हो सकता है।
  • संक्रमण के जोखिम बढ़ना
  • बच्चों की मांसपेशियों या संज्ञानात्मक विकास में देरी
  • गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं जैसे समय से पहले प्रसव या सामान्य से कम वजन वाले बच्चे को जन्म देना।

हीमोग्लोबिन की कमी में क्या खाना चाहिए? – What to eat during Hemoglobin deficiency in Hindi?

आयरन युक्त भोजन खाना –

Iron आयरन की कमी को हीमोग्लोबिन के स्तर में कमी होने का सबसे आम कारण माना जाता है। हीमोग्लोबिन के उत्पादन के लिए आयरन को एक बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व माना जाता है।

  • आयरन से भरपूर कुछ अच्छे खाद्य पदार्थ जिनमें मीट, पालक, बादाम, खजूर, मसूर की दाल, गुड़ और फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट सेरियल (अनाज आदि जिनमें कृत्रिम रूप से पोषक तत्व मिलाए जाते हैं।) आदि शामिल हैं।
  • आप आयरन के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं। आयरन की सही खुराक के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें क्योंकि आयरन की अधिक खुराक आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।

विटामिन सी की खपत बढ़ाना – Increasing vitamin C intake is important for several reasons.

Vitamin C विटामिन सी की कमी से होने वाली हीमोग्लोबिन की कमी का इलाज विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाकर किया जा सकता है। विटामिन सी की मदद के बिना शरीर आयरन को पूरी तरह से अवशोषित नहीं कर पाता।

  • विटामिन सी से समृद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे पपीता, नींबू, स्ट्रॉबेरी, लाल शिमला मिर्च, ब्रोकोली, अंगूर, टमाटर और पालक आदि।
  • अपने डॉक्टर से बात करने के बाद आप विटामिन सी के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।

फोलिक एसिड लेना -Taking folic acid, therefore, is essential for maintaining overall health.

Hemoglobin फोलिक एसिड एक बी कॉम्प्लेक्स विटामिन होता है, शरीर को इसकी आवश्यकता लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने के लिए पड़ती है। इसलिए फोलिक एसिड में कमी अपने आप ही हीमोग्लोबिन में कमी पैदा करने का कारण बन सकती है।

  • फोलिक एसिड में उच्च कुछ अच्छे खाद्य पदार्थों के स्रोत जैसे हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, लीवर, चावल, स्प्राउट्स, सूखी फलियां, गेहूं के अंकुर, फोर्टिफाइड सेरियल्स, मूंगफली, केला और ब्रोकोली आदि।
  • डॉक्टर से सलाह लेने के बाद आप रोजाना 200 से 400 मिलीग्राम फोलेट सप्लीमेंट्स ले सकते हैं।

चुकंदर –

हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) के स्तर को बढ़ाने के लिए चुकंदर को काफी बेहतर माना जाता है।

यह आयरन, फोलिक एसिड और साथ ही साथ फाइबर और पोटेशियम में भरपूर होता है।

यह बेहद पौष्टिक होता है और शरीर में लाल रक्त कोशिका संख्या को बढ़ाने में मदद करता है।

सेब –

रोज़ाना एक सेब खाना हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) के स्तर को मैन्टेन रखने में मदद करता है।

सेब (Apple) आयरन में उच्च होते हैं और साथ ही अन्य स्वास्थ्य घटक भी इसमें पर्याप्त मात्रा में होते हैं जो कि हीमोग्लोबिन के स्वस्थ स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं।

अनार –

अनार में आयरन, कैल्शियम व साथ ही साथ प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट खूब मात्रा में पाया जाता है।

इसकी पौष्टिक मात्रा खून में हीमोग्लोबिन के सामान्य स्तर को बनाए रखने में मदद करती है और रक्त प्रवाह को भी ठीक से बनाए रखने में मदद करती है।

रोजाना अपने नाश्ते के साथ एक मध्यम आकार का अनार खाएं या एक गिलास अनार का रस पिएं।

हीमोग्लोबिन बढ़ाने के आसान घरेलू उपाय FAQ

Q1: हीमोग्लोबिन क्या है?
A: हीमोग्लोबिन खून में मौजूद एक प्रोटीन है, जो ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुँचाता है।

Q2: हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण क्या हैं?
A: थकान, कमजोरी, सिरदर्द, चक्कर आना, और सांस फूलना।

Q3: अनार कैसे मदद करता है?
A: अनार आयरन, विटामिन A, C, और E से भरपूर होता है, जो हीमोग्लोबिन बढ़ाने में सहायक है।

Q4: चुकंदर का उपयोग कैसे करें?
A: चुकंदर का जूस पीने से खून में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।

Q5: पालक कैसे फायदेमंद है?
A: पालक आयरन और फोलिक एसिड का अच्छा स्रोत है, जो हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है।

Q6: खजूर और किशमिश कैसे उपयोगी हैं?
A: खजूर और किशमिश में आयरन और विटामिन C होता है, जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है।

Q7: गुड़ और मूंगफली का सेवन कैसे करें?
A: गुड़ और मूंगफली में आयरन होता है, इन्हें स्नैक के रूप में खाएं।

Q8: अनार का जूस कब पीना चाहिए?
A: रोज सुबह खाली पेट अनार का जूस पीना फायदेमंद होता है।

Q9: विटामिन C युक्त फल कैसे मदद करते हैं?
A: संतरा, नींबू, और आंवला जैसे फल आयरन के अवशोषण में मदद करते हैं।

Q10: हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए अन्य सुझाव क्या हैं?
A: हरी सब्जियाँ, फल, और नट्स का सेवन बढ़ाएँ, और नियमित रूप से व्यायाम करें।

निष्कर्ष

हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए इन आसान घरेलू उपायों का पालन करें और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं।

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