Covid 19 vaccine वैक्सीन ,लक्षण और निवारण की वो सारी बातें जो आपको जाननी चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO
कोरोना वायरस से पीड़ित जनो के लक्षण, अनावरण होने के 2 से 14 दिनो के बाद दिखाई देते हैं। यह लक्षण अधिकतर सौम्य होते है और सामन्य रूप मे इनकी उपेक्षा कि जाती है।
कुछ लोग के संक्रमित होने के बावजूद, इनमे कोई लक्षण दिखाई नही देते है। कोई लक्षण ना दिखने पर भी ये संक्रमण हो सकते है।
आपके शरीर की वायरल लोड (वायरस की संख्या) एक गंभीर लक्षण वाले बयक्ति के सामान हो सकते है। इसका मतलब है कि आप उतना ही संक्रमण के संकट में हैं जितना के COVID-19 के सीरियस पेशेंट हैं।
80 प्रतिशत लोग किसी विशेष इलाज के बिना भी ठीख हो जाते है।
यदि आप हाल ही में COVID-19 कन्टेनमेंट ज़ोन से यात्रा करके लौटे हैं, तो आपके साथ साथ उन सभी लोगो को यह संक्रमण हो सकता हैं जो आपके या आपके परिवार के संपर्क में आएं है।
ऐसे स्थिति में 14-21 दिन की सेल्फ-क्वारंटाइन (स्वयं संगरोध) करना आवश्यक है।
कोरोना वायरस से पीड़ित लोगो के लक्षण कुछ इस तरह के होते है :–
- बुखार
- थकान
- सुखी खासी
- नाक का बंध होना
- बेहति नाक
- गले कि खराश
- सांस लेने में कठिनाई
भारत में कोविड-19 टीकाकरण अभियान अपने तीसरे चरण में है. इस बीच. देश महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है.
ऐसे में आपके मन में वैक्सीन को लेकर कई सवाल होंगे. पढ़िए उनके जवाब.
इंडिया में डी.जी.सी.आई ने कोरोना वायरस (कोविड-19) को रोकने के लिए दो वैक्सीन्स को मंजूरी दी है :- कोवैक्सीन और कोविशील्ड।
- कोवैक्सीनः कोवैक्सीन इंडिया में कोरोना वायरस (कोविड-19) की पहली वैक्सीन है जिसे ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के साथ पार्टनरशिप में बनाया गया है।
- कोविशील्डः कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एस्ट्रजेनेका के साथ मिलकर डेवलप किया है और भारत में रहने वाले लोगों के लिए इसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाया जा रहा है।
कोविड वैक्सीन के लिए कौन योग्य है ?
18 साल से अधिक उम्र का हर व्यक्ति कोविड वैक्सीन के लिए योग्य है। एक मई से शुरू हुए कोविड टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को शामिल किया गया है।
कोविड टीकाकरण अभियान के पहले चरण की शुरुआत 16 जनवरी, 2021 से शुरू हुई थी जिसमें हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन देने में प्राथमिकता दी गई।
दूसरा चरण एक मार्च, 2021 से शुरू हुआ जब 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को इसमें शामिल किया गया। भारत में कोविड-19 टीकाकरण अभियान जारी है,
इस बीच देश महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे में आपके मन में वैक्सीन को लेकर कई सवाल होंगे. पढ़िए उनके जवाब।
आप कोविड वैक्सीन के लिए कैसे रजिस्टर करा सकते हैं
तीसरे चरण में टीका लगवाने के लिए लोगों को कोविन प्लेटफॉर्म या आरोग्य सेतु एप पर जाकर वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा, सीधे अस्पताल में जाकर रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा।
सबसे पहले cowin.gov.in की वेबसाइट पर जाएं और अपना मोबाइल फ़ोन नंबर दर्ज करें। आपके नंबर पर आपको एक वन टाइम पासवर्ड मिलेगा।
इस नंबर को वेबसाइट पर पर लिखे ओटीपी बॉक्स में लिखें और वेरिफ़ाई लिखे आइकन पर क्लिक करें। इससे ये वेरिफ़ाई हो जाएगा।
इसके बाद आपको रजिस्ट्रेशन का पन्ना नज़र आएगा। यहाँ अपनी जानकारी लिखें और एक फ़ोटो आईडी भी साझा करें। अगर आपको पहले से कोई बीमारी है जैसे- शुगर, ब्लड प्रेशर, अस्थमा अन्य तो इसकी जानकारी विस्तार से लिखें।
जब ये जानकारी पूरी हो जाए तो रजिस्टर लिखे आइकन पर क्लिक करें। जैसे ही ये रजिस्ट्रेशन पूरा होगा आपको कम्प्यूटर स्क्रीन पर अपनी अकाउंट डिटेल नज़र आने लगेगी।
इस पेज से आप अपनी अपॉइटमेंट डेट तय कर सकते हैं।
भारत में किन वैक्सीन को मंजूरी मिली है ?
भारत में कोविड-19 से बचाव के लिए जो वैक्सीन लगाई जा रही है, उन्हें ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीसीजीआई) ने अनुमति दी है। ये वैक्सीन हैं – कोविशील्ड और कोवैक्सीन।
इसके अलावा अब रूस की स्पुतनिक V को भी भारत में इस्तेमाल की मंज़ूरी दी जा चुकी है। कहा जा रहा है कि ये वैक्सीन कोविड-19 के ख़िलाफ़ क़रीब 92% सुरक्षा देती है।
सरकार ने कहा है कि स्पुतनिक वी का उत्पादन भी भारत में किया जाएगा। कोविशील्ड जहां असल में ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका का संस्करण है वहीं कोवैक्सीन पूरी तरह भारत की अपनी वैक्सीन है जिसे ‘स्वदेशी वैक्सीन’ भी कहा जा रहा।
कोविशील्ड को भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया कंपनी ने बनाया है। वहीं, कोवैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर बनाया है।
क्या कोविड वैक्सीन फ्री हैं?
केंद्र सरकार के अस्पतालों में वैक्सीन सभी को मुफ़्त में दी जाएगी।
लेकिन राज्य सरकार के अस्पतालों में इसके लिए भुगतान करना पड़ सकता है। उत्तर प्रदेश, असम, सिक्किम, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, समेत कई राज्यों ने कहा है कि उनके यहां 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन निशुल्क दिया जाएगा।
प्राइवेट अस्पताल में लोगों को इसका भुगतान करना होगा। कोविशिल्ड प्राइवेट अस्पतालों को 600 रुपये प्रति खुराक और कोवैक्सीन 1200 रुपये प्रति खुराक के दर से उपलब्ध कराई जाएगी।
कोविशिल्ड और कोवैक्सीन ने कहा है कि वो केंद्र सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक के दर से आपूर्ति करेगी।
जबकि राज्य सरकारों के लिए कोविशिल्ड की कीमत 300 रुपये प्रति खुराक और कोवैक्सीन की 600 रुपये प्रति खुराक तय की गई है।
कोरोना की दोनों वैक्सीन लगने के बीच का समय कितना होना चाहिए ?
अभी, इंडिया में कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मंजूरी दी गई है। दोनों वैक्सीन के बीच का समय कितना होगा यह वैक्सीन पर डिपेंड करेगा। ताजा गवर्नमेंट प्रोटोकॉल में ये कहा गया है कि वैक्सीन का दूसरा डोज पहले डोज के 28 दिन बाद दिया जाना जरूरी है।
लेकिन, कोविशील्ड की न्यू रिसर्च में ये सामने आया है कि यह बूस्टर डोज तब ज्यादा इफेक्टिव होगा जब दोनों डोज के बीच का समय 6-12 हफ्ते के बीच का होगा।
एस्ट्रेजनेका वैक्सीन पर बेस्ड डीएनए को ज्यादा इफेक्टिव पाया गया, जब दोनों डोजेस के बीच का समय 12 हफ्ते का था।
हालांकि, वैक्सीन के दोनों डोजेज के बीच का समय कितना होना चाहिए यह जानने के लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह कर सकते हैं।
यह ध्यान रखें, कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों को आपस में इंटरचेंज न किया जाए और न ही किसी और कोविड-19 वैक्सीन प्रोडक्ट के साथ।
सीडीसी की गाइडलाइन्स में कहा गया है कि एक ही टाइप की कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज को लेने से वैक्सीन ज्यादा इफेक्टिव होगी।
क्या कोविड वैक्सीन सुरक्षित है?
ज़्यादातर विशेषज्ञों की राय है कि कोरोना से लड़ने के लिए बनी अब तक की लगभग सभी वैक्सीनों की सुरक्षा संबधी रिपोर्ट ठीक रही है।
हो सकता है वैक्सिनेशन के चलते मामूली बुखार आ जाए या फिर सिरदर्द या इंजेक्शन लगाने वाली जगह पर दर्द होने लगे।
हालांकि ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका की कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले कई लोगों के मस्तिष्क में असामान्य रूप से ख़ून के थक्के पाए गए हैं।
वैक्सीन लेने के बाद कई लोगों में “सेरिब्रल वीनस साइनस थ्रॉम्बोसिस” (सीवीएसटी) यानी मस्तिष्क के बाहरी सतह पर ड्यूरामैटर की परतों के बीच मौजूद शिराओं में ख़ून के थक्के देखे गए हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि अगर कोई वैक्सीन 50 फीसदी तक प्रभावी होती है, तो उसे सफल वैक्सीन की श्रेणी में रखा जाता है।
डॉक्टरों का ये भी कहना है कि वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य में होने वाले किसी भी मामूली बदलाव पर पूरी नज़र बनाए रखनी होगी और किसी भी बदलाव को तुरंत किसी चिकित्सक से शेयर करना होगा।
क्या वैक्सीन लगने के बाद किसी व्यक्ति को हॉस्पिटल में एडमिट किया जाएगा ?
नहीं, कोविड-19 की वैक्सीन लगने के बाद आपको हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरूरत नहीं है। कोविड-19 की वैक्सीन के पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार साबित होने के बाद ही डीसीजीआई ( ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ) ने इसे मंजूरी दी है।
हालांकि, कोविड-19 वैक्सीन के कुछ नॉर्मल साइड-इफेक्ट हो सकते हैं जैसे-
- माइल्ड फीवर
- सूजन
- मतली और डिजिनेस
- दर्द और बेचैनी
आपको इन नॉर्मल साइड इफेक्ट के लिए हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरूरत नहीं है। लेकिन ऐसे साइड इफेक्ट जो बहुत ही गंभीर या सीरियस नजर आते हैं जैसे एलर्जी, कोई अनकॉमन इन्फेक्शन, सिरियस और कोई भी अनएक्सपेक्टिड साइड इफेक्ट,
अगर आप ऐसे किसी भी लक्षणों को महसूस करें तो आपको जल्द से जल्द अपने डॉक्टर को रिपोर्ट करने की जरूरत होगी।
ताकि आपका डॉक्टर इस पर जल्दी काम कर सके। इसके अलावा कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और ऐसे सीरियस साइड इफेक्ट बहुत ही कम देखने को मिलते हैं।
इसलिए वैक्सीन लगवाना पूरी तरह से सुरक्षित है ताकि आप अपने आपको इस वायरस से बचा सकें।
कोविड-19 की वैक्सीन लगने के बाद आइडल डाइट क्या होनी चाहिए
फूड और कोरोना वायरस डिजीज 2019 (कोविड-19) पर सीडीसी (सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) की अपडेटेड गाइडलाइन्स में कहा गया है कि जब यह वैक्सीन वायरस की सीरियसनेस और हॉस्पिटलाइजेशन को रोकने में कामयाब हुए हैं।
तो भी आपको सेल्फ केयर प्रोग्राम में प्रॉपर डाइट और सेफ्टी प्रैक्टिस को फॉलो करना चाहिए।
डाइट्री सप्लीमेंट में ले जैसे विटामिन सी और डी और अपने डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद मिनरल्स ले जैसे जिंक। ये न्यूट्रीशस आपकी इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद तो करेंगे ही साथ ही आपके इन्फ्लेमेशन को कम करने में भी मदद करेंगे।
हालांकि यह सप्लीमेंट डिजीज से बचने या ठीक होने में मदद नहीं करेंगे।
ताजे फल और सब्जियां, दूध और सी फूड ले जो न्यूट्रिएंट्स का बहुत ही अच्छा सोर्स है। लीन प्रोटीन और होल ग्रेन भी हेल्थ के लिए काफी जरूरी है।
अगर आप विटामिन्स या डाइट्री सप्लीमेंट लेते है तो कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले आप अपने वैक्सीनेशन डॉक्टर या रजिस्टर्ड डाइटिशियन से कंसल्ट करे।
हाइलाइट्स:
कोरोना का टीका लगाने से पहले और बाद में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना वैक्सीन लगाने को लेकर तनाव में नहीं रहें उनका कहना है कि टीका लगने के बाद सूजन और बुखार जैसी समस्याएं सामान्य हैं।
टीका लगने से पहले
- अगर आपको को किसी दवा से एलर्जी है तो कोरोना टीका लगवाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए।
- कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC), C-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) या इम्यूनोग्लोब्युलिन-E (IgE) लेवल की जांच की जा सकती है।
- अगर टीका लेने से पहले कोई दवाई खाने को कहा गया हो तो जरूर खाएं। टीकाकरण को लेकर किसी तरह का तनाव न पालें, बिल्कुल सहज रहें।
- डाइबिटीज या ब्लड प्रेशर के मरीज को टीका लेने से पहले सुगर और ब्लड प्रेशर लेवल को सामान्य स्तर पर लाने की जरूरत है।
- कैंसर के मरीजों और खासकर जिनकी कीमियोथेरपी हुई है, उन्हें डॉक्टरों की सलाह माननी चाहिए।
- कोविड के इलाज के दौरान जिन्हें ब्लड प्लाज्मा या मोनोक्लोनल एंटिबॉडीज चढ़ाया गया हो या फिर जो पिछले डेढ़ महीनों में कोरोना से संक्रमित हुए हों, उन्हें अभी वैक्सीन नहीं लेना चाहिए।
टीका लग जाने के बाद
- टीका लगवाने के बाद वैक्सीन सेंटर में तब तक जरूर रुके रहें जब तक कि आपको जाने की अनुमति नहीं दी जाए।
- सेंटर पर आपको इसलिए रुकने को कहा जाता है ताकि परखा जा सके कि टीका लगने से आपमें कोई साइड इफेक्ट तो नहीं हो रहा है।
- जहां सूई चुभोई गई है, वहां थोड़ी सी सूजन और हल्का बुखार सामान्य लक्षण हैं। टीका लगने के बाद सूजन और बुखार हो तो बिल्कुल नहीं घबराएं। संभवतः थोड़ी ठंड और थकान भी महसूस हो। ये सब सामान्य है।
- वैक्सीन हमारे प्रतिरक्षा तंत्र (Immune System) को बाहरी खतरों से लड़ना सिखाता है।
- कोविड- 19 की वैक्सीन भी शरीर में कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ लड़ने की ताकत पैदा करती है, लेकिन इसमें कुछ सप्ताह लग जाते हैं।
- ये मत समझें कि वैक्सीन लगा लिया तो अगले ही पल आप कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षित हो गए।मतलब ये कि आप टीका लगने के बाद कुछ दिनों तक आप कोविड-19 मरीज के संपर्क में आए तो आपको भी संक्रमण हो सकता है क्योंकि टीका लेने के बाद कोरोना के खिलाफ प्रतिरक्षा तंत्र विकसित होने में कुछ हफ्ते लग जाते हैं।
- ऐसे में टीका लगवाने के बाद भी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए तय निर्देशों का पालन करते रहें।
- इनमें मास्क लगाना, सुरक्षित दूरी बनाए रखना, खांसने-छींकने के दौरान एहतियात बरतना जैसे निर्देश शामिल हैं।
नोटः आपका शुगर लेवल अंडर कंट्रोल होना चाहिए क्योंकि यह ग्लूकोज लेवल को बढ़ाता है और डायॅबिटीज आपके इम्यूनिटी सिस्टम को कमजोर करती है। और आपके उपर इन्फेक्शन का खतरा बना रह सकता है।