थायराइड के आयुर्वेदिक नुस्खे,लक्षण और उपचार Thyroid Treatment in Hindi

admin
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थायराइड के आयुर्वेदिक नुस्खे,लक्षण और उपचार Thyroid Treatment in Hindi

ज्यादा काम भी नहीं किया और थकान महसूस हो रही हो या खान-पान पर ध्यान देते हैं फिर भी वजन तेजी से बढ़ता ही जा रहा हो।थायराइड शरीर में ऐसे कई बदलाव होते हैं जिनको हम पहले तो हल्के में लेते हैं और बाद में यह हमारी लिए किसी गंभीर रोग का संकेत निकलते हैं, थाइरॉइड की समस्या

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भी कुछ ऐसी ही है।

 

इस बीमारी के बारे में लोगों में awareness बहुत ही कम है। मेरा प्रयास होगा कि सरल भाषा में इस disease को समझा जाए और यदि थायराइड के लक्षण हैं तो सही समय पर इसका इलाज कराया जाए। तो आइये जानते हैं कि –

 

थायराइड क्या होता है? / Thyroid in Hindi

Thyroid Symptoms in Hindi

 

Thyroid गले में स्थित एक ग्रंथि (gland) का नाम है। यह ग्लैंड गले के आगे के हिस्से में मौजूद होता है और इसका आकार एक तितली के समान होता है। यह बॉडी के कई तरह के metabolic processes* को control करने के काम आता है।

 

 

 

 

 

अगर आप इन दस लक्षणों को महसूस कर रहे हैं तो हो सकता है ये आपके लिए थाइरॉइड की समस्या का संकेत हों।

1. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
हाइपोथाइरॉडड यानी शरीर में टीएसएच अधिक और टी3,टी4 कम होने पर मांसपेशियों में जोड़ों में अक्सर दर्द रहता है।

2. गर्दन में सूजन 
थाइरॉइड बढ़ने पर गर्दन में सूजन की संभावना बढ़ जाती है। गर्दन में सूजन या भारीपन का एहसास हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

3. बालों और त्वचा की समस्या
खासतौर पर हाइपोथाइरॉइड की स्थिति में त्वचा में रूखापन, बालों का झड़ना, भौंहों के बालों का झड़ना जैसी समस्याएं होती हैं जबकि हाइपरथाइरॉइड में बालों का तेजी से झड़ना और संवेदनशील त्वचा जैले लक्षण दिखते हैं।

4. पेट खराब होना

लंबे समय तक कान्सटिपेशन की समस्या हाइपोथाइरॉइड में होती है जबकि हाइपरथाइरॉइड में डायरिया की दिक्कत बार-बार होती है।

5. हार्मोनल बदलाव
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान थाइरॉइड की स्थिति में पेट में दर्द अधिक रहता है वहीं हाइपरथाइरॉइड में अनियमित पीरियड्स रहते हैं। थाइरॉइड की स्थिति में गर्भ धारण करने में भी दिक्कत हो सकती है।

6. मोटापा
हाइपोथाइरॉइड की स्थिति में अक्सर तेजी से वजन बढ़ता है। इतना ही नहीं शरीर में कॉलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ जाता है। वहीं हाइपरथाइरॉइड में कॉलेस्ट्रॉल बहुत कम हो जाता है।

7. थकान, अवसाद या घबराहट

अगर बिना अधिक मेहनत करने के बाद भी आप थकान महसूस करते हैं या छोटी-छोटी बातों पर घबराहट होती है तो इसकी वजह थाइरॉइड हो सकती है।

 

  • महिलाओं को ज्यादा रहती है थाइराइड की समस्या।  
  • वजन का बढ़ना,अवसाद आदि होते है इसके लक्षण।
  • ये शरीर मे आयोडीन की कमी से भी हो सकता है।

थायरायड के रोगों में उपचार विधि 

थायरॉइड का रोग अधिक मात्रा में दूध पीने वालों को नही होता.

इसके अलावा साबुत मूँग, पुराने चावल, जौ, सफेद चने, खीरा, गन्ने का जूस और दुग्ध पदार्थों का सेवन करना भी अत्यंत आवश्यक है.

इसके विपरीत खट्टे और भारी पदार्थों का सेवन नही करना चाहिए.

कचनार का प्रयोग इस ग्रंथि के अच्छी प्रकार से सक्रिय रहने के लिए आवश्यक है. इसके अलावा , ब्राहमी, गुग्गूल, शिलाजीतभी लाभदायक है. गोक्शुर और पुनर्नव भी इस रोग में फ़ायदा देते हैं.

दुग्ध पदार्थ ( Milk Products ) : 

क्योकि दूध के पदार्थों में कैल्शियम और मिनरल्स की मात्रा अधिक होती है तो ये भी थायराइड से पीड़ित व्यक्तियों के लिए बहुत लाभदायक होता है. ये ना सिर्फ इस रोग से मुक्ति दिलाते है

बल्कि व्यक्ति के शरीर से कमजोरी को दूर कर उसे स्वस्थ भी रखते है. तो थायराइड को दूर करने के लिए आप अधिक से अधिक दूध और दूध से बने पदार्थों का सेवन करें.

अति असरकारक घरेलु उपाय।

सुबह खाली पेट लौकी का जूस पिए, घर में ही गेंहू के जवारों का जूस निकाल कर पिए, इसके बाद एक गिलास पानी में हर रोज़ ३० मिली एलो वेरा जूस और २ बूँद तुलसी की डाल कर पिए, एलो वेरा जूस आपको किसी बढ़िया कंपनी का यूज़ करना होगा, जिसमे फाइबर ज़्यादा हो, सिर्फ कोरा पानी ना हो।

बाजार से आज कल पांच तुलसी बहुत आ रही हैं, किसी बढ़िया कंपनी की आर्गेनिक पांच तुलसी ले। ये सब करने के आधे घंटे तक कुछ भी न खाए पिए, इस समय में आप प्राणायाम करे।

अखरोट और बादाम है फायदेमंद :-

अखरोट और बादाम में सेलेनियम नामक तत्‍व पाया जाता है जो थॉयराइड की समस्‍या के उपचार में फायदेमंद है। 1 आंउस अखरोट में 5 माइक्रोग्राम सेलेनियम होता है।

इसके साथ में रात को सोते समय गाय के गर्म दूध के साथ 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करे
इसके साथ प्राणायाम करना हैं, जिसे उज्जायी प्राणायाम बोलते हैं। इस प्राणायाम में गले को संकुचित करते हुए पुरे ज़ोर से ऊपर से श्वांस खींचनी हैं।

काली मिर्च.

थाइरोइड के लिए काली मिर्च का उपयोग बहुत ही फायदेमंद साबित होता है. काली मिर्च का यथा संभव नियमित उपयोग चाहे वो किसी भी प्रकार से हो, थाइरोइड के लिए बहुत ही उपयोगी है.

 

गेहूं और ज्वार का इस्तेमाल
थायराइड ग्रंथी को बढ़ने से रोकने में गेहूं और ज्वार का इस्तेमाल भी मददगार हो सकता है। \

गेहूं और ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की समस्या को दूर करने का बेहतर और सरल प्राकृतिक उपाय है।

इसके अलावा यह साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है।

 

साबुत अनाज
जौ, गेंहू और साबुत अनाज से बने पदार्थों का सेवन करने से थायराइड की समस्या नहीं होती है

क्योंकि साबुत अनाज में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा होती है जो थायराइड को बढ़ने से रोकता है।

 

 

अदरक ( Ginger ) : अदरक का इस्तेमाल मुंह और गले से सम्बंधित लगभग हर रोग में किया जाता है.

इसका कारण इसमें मिलने वाले इन्फलेमेतरी तत्व है. इसके साथ ही अदरक में पोटैशियम, मैग्नीशियम की मात्रा भी अधिक होती है

जो गले के रोगों को दूर करने में सहायक होती है. इसीलिए अदरक का इस्तेमाल थायराइड की समस्या को दूर करने के लिए भी किया जाता है.

 

Aayurvedic Remedies for Thyroid

   फल और सब्जी ( Fruits and Vegetables ) : इन सबके साथ ही थायराइड से पीड़ित व्यक्तियों को फलों और सब्जियों का सेवन भी जरुर करना चाहियें क्योकि फल सब्जी में अनेक एंटीओक्सिडेंट होते है जो आपको इस बीमारी से निजात दिलाने में सहायक होते है.

फलों और सब्जियों में आप टमाटर, हरी सब्जी सेब इत्यादि का सेवन करें.

  • मछली ( Fish ) : जैसाकि ऊपर बताया गया है कि थायराइड के रोगियों को आयोडीन की मात्रा को अपने भोजन में शामिल करना चाहियें और इसका सबसे अच्छा साधन है मछली. क्योकि मछली समुद्र में पायी जाती है
  • तो इनमे आयोडीन की मात्रा संतुलित होती है. इसके साथ ही इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड भी पाया जाता है जो थायराइड जैसी समस्या पर संतुलन बनायें रखने में काफी सहायक होता है.

Thayroid Smasya or Nidaan

हरा पत्तेदार धनियाँ ( Green Leaves Coriander ) : आपको बता दें कि अगर आप हरे पत्ते वाले धनियें की चटनी बनाकर उसे एक ग्लास पानी में मिलाकर प्रतिदिन पीते है तो उससे थायराइड की समस्या का जड़ से इलाज माना जाता है.

किन्तु आप चटनी बनने के लिए साफ़, सुगन्धित और ताजे देशी धनियें का ही इस्तेमाल करें.

गर्म पानी से सेंक ( Hot Water Fomentation  ) : थायराइड की समस्या से निजात पाने के लिए आप गर्म पानी का भी इस्तेमाल कर सकते हो.

इसके लिए आपको पानी से अपने गले को सेंकना होता है जिसकी विधि निम्नलिखित है.

थायराइड रोग को दूर करने के अन्य घरेलू प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपायों उपचारों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो. 

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